प्रतिबंध लगाकर मीडिया की आवाज दबाने का प्रयास कर रही पाकिस्तान की इमरान सरकार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने पाकिस्तान टेलीकम्यूनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) को सोशल मीडिया के लिए बनाए गए नियमों को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार को मीडिया पर रोक लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अदालत ऐसा नहीं होने देगी।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब इमरान सरकार जंग मीडिया ग्रुप के एडिटर इन चीफ की गिरफ्तारी और जियो न्यूज का प्रसारण बंद करने के लिए केबल ऑपरेटरों को जारी दिशानिर्देश को लेकर सवालों के घेरे में है। जंग मीडिया ग्रुप के पास ही जियो न्यूज चैनल का भी स्वामित्व है।मीडिया के सिद्धांत और नियमों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अतहर मिनल्लाह ने कहा कि रचनात्मक आलोचना राष्ट्र निर्माण की पूर्व निर्धारित शर्त है। चीफ जस्टिस ने पूछा कि आखिर किसी भी व्यक्ति को आलोचना से क्यों डरना चाहिए?
दरअसल, पाकिस्तान के प्रख्यात पत्रकार हामिद मीर ने कोर्ट को बताया था कि सरकार ने सोशल मीडिया को नियमबद्ध करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। जबकि केंद्र सरकार के मंत्री इससे पूरी तरह अनभिज्ञ थे। मीर के अनुसार, कई मंत्रियों ने खुले तौर पर स्वीकार किया था कि इस अधिसूचना पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में किसी प्रकार की कोई चर्चा नहीं हुई।